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    कैनेडा का हिंदी साहित्य
    कैनेडा का हिंदी साहित्य कैनेडा का नाम भारत में और विशेष रूप से पंजाब प्रांत में बहुत आत्मीयता से लिया जाता है।.. आगे पढ़ें
अच्छा लगता है
कवयित्री: डॉ. मधु संधु - अच्छा लगता है

साहित्य कुञ्ज के इस अंक में

कहानियाँ

अपने भीतर का डर 

  मन की उड़ान आसमान को छूने की आरज़ू रखते हुए आशाओं के पंख लगा कर अपने नीचे की ज़मीन से जब कुछ ऊपर उठने लगती है तो लगता है बस अभी कामयाबी के शिखर पर पहुँचकर अपनी मनचाही आशा आगे पढ़ें


आँधी-पानी में

  संपूर्णा अभी तक घर क्यों नहीं पहुँची थी?  बाबू नेकचंद ने मैंटलपीस को छठी बार उठा कर देखा—घड़ी की सूइयाँ अढ़ाई बजाने जा रहीं थीं।  आँधी-पानी के कारण संपूर्णा को कभी देर हुई भी थी तो हद से हद आगे पढ़ें


इंक्रीमेंट

  जनवरी माह में कड़ाके की सर्दी पड़ रही थी। एक निजी विश्वविद्यालय में कार्यरत डॉ. विमल अपनी सैलरी बढ़वाने के लिए अपनी वार्षिक उपलब्धियों को रिक्वेस्ट लेटर में लिख रहे थे। उसी समय उनके सहकर्मी विजय बाबू उनसे मिलने आगे पढ़ें


ईमान

  “एक, दो . . . तीन, चार, पाँच, छह।” वैभव अपने बैग गिन रहा था।  तभी किसी ने उसे पीछे से आवाज़ लगाई, “बाबूजी, ये सामान मैं ले, लूँ।”  ”हूँ। अरे, नहीं हो जायेगा। मैं उठा लूँगा।”  “ अरे आगे पढ़ें


और, घर मुस्कुरा पड़ा

  मँगत बाबू, मोती बाबू के पुराने मुलाज़िमों में से एक थे। मोती बाबू का देहांत इधर हाल ही में हो गया था। मोती बाबू ने अपनी इसी छोटे से गल्ले की दुकान से अपने दोनों बच्चों को पढ़ाया-लिखाया था, आगे पढ़ें


कहीं कुछ अटका हुआ

  मेज़ पर कोई फ़ाइल नहीं थी, सामने की कुर्सी पर कोई मुलाक़ाती नहीं था। ऐसा बहुत कम होता था। पर जब भी ऐसा होता था, उसे आत्ममुग्ध होने का पूरा अवसर मिलता था। अपने प्रभाव और पद को महसूसने आगे पढ़ें


कान्हा का आगमन

  गाँव के एक कोने में रामलाल और उसकी पत्नी सीता का छोटा-सा घर था। दोनों बेहद साधारण जीवन जीते थे, परन्तु उनकी दिनचर्या में भक्ति और सेवा का बड़ा महत्त्व था। रामलाल और सीता दोनों भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति आगे पढ़ें


गरम स्पर्श

  सिंधी कहानी    मूल लेखक: अर्जुन चावला अनुवाद: देवी नागरानी      कैप्टन मनीष को आसाम से नागालैंड में तबादले का ऑर्डर मिला तो दिल कुछ उदास होने लगा। पर और भी बहुत सारे साथियों को तबादले के ऑर्डर आगे पढ़ें


गेट लॉस्ट

  एक निजी महाविद्यालय में आंतरिक परीक्षाएँ चल रही थीं। एक दिन परीक्षा-कक्षों में कुछ छात्र-छात्राएँ बहुत ही असहज हो रहे थे। कारण यह कि उन्हें जो प्रश्न-पत्र दिया गया, वह उस दिन ‘शेडयूल्ड’ न हो कर, किसी और दिन आगे पढ़ें


जन्मघुट्टी

  शाम होते होते सगरो गाँव में ढिंढोरा सा पिट गया, “गोपला गणेशवा की बहू को ले भागा . . .!” “सुना तुमने, भौजी देवरवा के साथ भाग गयी . . .!” जिसने सुना, वही दोनों को गरियाते नज़र आये, आगे पढ़ें


नज़र नज़र की बात

  दो विदेशी लड़के बनारस घूमने गये। सुविधा के लिये एक का नाम ‘ए’ दूसरे का ‘बी’ रख लेते हैं। दोनों फोटोग्राफर थे। दोनों के मन में बनारस की कुछ विशेषताओं की विशेष फोटो खींचने की योजना थी। यही साध आगे पढ़ें


पहले राही को ब्याही राजकुमारियाँ

  मूल कहानी: ले प्रिंसिपेस मैरिटेट अल प्रिमो शे पासा; चयन एवं पुनर्कथन: इतालो कैल्विनो;  अंग्रेज़ी में अनूदित: जॉर्ज मार्टिन (द.प्रिंसेसेज़ वेड टु द फ़र्स्ट पासर्स-बाइ); पुस्तक का नाम: इटालियन फ़ोकटेल्स; हिन्दी में अनुवाद: ‘पहले राही को ब्याही राजकुमारियाँ’ सरोजिनी आगे पढ़ें


भविष्य

  उस दिन विश्वविद्यालय के एडमीशन सेल में बड़ी भीड़ थी। नर्सिंग में डिप्लोमा करने के लिए बारहवीं पास कई लड़के और लड़कियाँ अपने अभिभावकों के साथ क़तार लगाए खड़े थे।  कुछ समय बाद एडमीशन प्रक्रिया सम्पन्न हुई। कुछ लड़के आगे पढ़ें


भेद-भाव की राजनीति 

  उस एक छोटे से पर्चे ने मुझे मेरी औक़ात की याद दिलाई और उस महान व्यक्ति की, जिसने समाज में अपनी जात के लिए, अपने देशवासियों को मूल सिद्धांतों की नींव पर उनके जीवन सुधार के लिए एक नया आगे पढ़ें


मदद

  एक दिन दोपहर बाद ‘बी.ए. मास कम्युनिकेशन’ की छात्रा मनोरमा अपने पिता को लेकर विश्वविद्यालय आयी। वे दोनों पाठ्यक्रम कोर्डिनेटर से मिले। पाठ्यक्रम कोर्डिनेटर ने उसके पिता को बताया कि यह छात्रा पढ़ाई पर ध्यान नहीं दे रही है, आगे पढ़ें


मानसिक यातना

  “मीरा जी, आप इस समय कहीं बीज़ी तो नहीं?”  रुक्मिणी ने अपनी समधिन का फ़ोन मिलाने पर दूसरे सिरे पर उसकी आवाज़ सुनते ही पूछा। और मीरा का हिचकिचाहट भरा उत्तर सुनकर कि वह ख़ाली बैठी एक पुरानी पत्रिका आगे पढ़ें


हास्य/व्यंग्य

प्रयोगशाला से प्रेमपत्र

  तो देवियो और सज्जनो। मसला-ए-ख़ास यह है कि हिंदी माध्यम से पढ़े विद्यार्थी को विज्ञान संकाय में साथ पढ़ रही एक लड़की से प्रयोगशाला में ही प्रेम हो जाता है। प्रेम जाति-धर्म, स्थान और भाषा की वर्जनाएँ नहीं मानता। आगे पढ़ें


रामदास, ठंड और बयानू सिकंदर 

  चल रहे चुनाव में रामदास चार पार्टियों से वोट के बदले मिले चार कंबलों में लाल क़िले की ओट में दुबका पड़ा था, पर एक ठंड थी कि फिर भी उसका पीछा नहीं छोड़ रही थी। वह ठंड से आगे पढ़ें


आलेख

जीभ और दाँत

  संत तुलसीदास कृत ‘श्री रामचरित-मानस’ उत्तर भारत में सर्वाधिक पढ़ा जाने वाला धार्मिक ग्रंथ है। इसमें भी जो अंश सबसे अधिक पढ़ा जाता है वह है ‘सुंदरकांड’, जिसमें रावण द्वारा हरण की गयी, अशोक वाटिका में निवास करने वाली, आगे पढ़ें


भाषाई कौशल एवं सृजनात्मक लेखन

  शोध सार (Abstract): भाषाई कौशल और सृजनात्मक लेखन मानव विकास की बुनियादी इकाइयाँ हैं, जो न केवल विचारों और भावनाओं को व्यक्त करने का माध्यम हैं, बल्कि व्यक्तित्व के विकास, रचनात्मकता और संवाद को बेहतर बनाने में भी सहायक आगे पढ़ें


समीक्षा

डॉ. रमा द्विवेदी का एक सशक्त लघुकथा संग्रह: मैं द्रौपदी नहीं हूँ

डॉ. रमा द्विवेदी का एक सशक्त लघुकथा संग्रह: मैं द्रौपदी नहीं हूँ

पुस्तक समीक्षा: ‘मैं द्रौपदी नहीं हूँ’ (लघुकथा संग्रह)  लेखिका: डॉ. रमा द्विवेदी प्रकाशक: शब्दांकुर प्रकाशन, नई दिल्ली पृष्ठ संख्या:122  मूल्य: ₹300/- (पेपर बैक)  ‘मैं द्रौपदी नहीं हूँ’ डॉ. रमा द्विवेदी का एक सशक्त लघुकथा संग्रह है, जिसमें 111 लघुकथाएँ शामिल आगे पढ़ें


मुझे उस शख़्स की तलाश है

मुझे उस शख़्स की तलाश है

पुस्तक: फूल, कलम और बंदूक (काव्य संग्रह) कवि: संतोष कुमार झा  प्रकाशक: विजय बुक्स, नयी दिल्ली  पृष्ठ: 112  मूल्य: ₹ 225.00 ISBN:  978-8194926870  एमाज़ॉन लिंक: फूल, कलम और बंदूक रोज़मर्रा की जीवनशैली के विविध पहलुओं से हमें कुछ न कुछ आगे पढ़ें


संस्मरण

इनवीजिलेशन ड्यूटी/किसको पकड़ लिया? 

  अधिकांशतः यह समझा जाता है कि शिक्षक की नौकरी बहुत आराम की नौकरी है उसमें कोई मार-धाड़, टंटा-बखेड़ा नहीं होता। चैन से जीवन बीत जाता है। शायद बीतता भी होगा। पर आइये मैं आपको इस आराम के जीवन की आगे पढ़ें


पिता जो हमें सर्वशक्तिमान लगते थे (भाग-2)

पिता जो हमें सर्वशक्तिमान लगते थे (भाग-2)

  गतांक से आगे—   [8]  घर-परिवार का जो पुराना इतिहास बचपन में कभी-कभी जाने-अनजाने में सुनने को मिल जाता था, उसी से पता चला कि मेरे दादा जी ने बहुत कम अवस्था—कहना चाहिए कि किशोरावस्था—में ही पिता को व्यापार आगे पढ़ें


रामलीला से जुड़ी हास्यप्रद स्मृतियाँ

  पिछले सप्ताह टीवी पर महाकुम्भ से सम्बंधित समाचार देखते हुए कुछ महान सन्तों व कथाकारों के संदेश भी सुनने को मिले। मैं इतनी धार्मिक तो नहीं, हाँ आध्यात्मिकता के प्रति रुचि अवश्य है। इसलिए महाकुम्भ में आयोजित ढेरों कथाओं आगे पढ़ें


कविताएँ

शायरी

समाचार

साहित्य जगत - विदेश

डॉ. मनीष मिश्रा को अंतरराष्ट्रीय हिंदी सेवी सम्मान

डॉ. मनीष मिश्रा को अंतरराष्ट्रीय हिंदी सेवी सम्मान

24 Jan, 2025

  ताशकंद स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ़ ओरिएंटल स्टडीज़ में आयोजित सम्मान समारोह में डाॅ. मनीष कुमार मिश्रा को उनकी हिंदी सेवाओं…

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इंदौर की प्रवासी लेखिका डॉ. वंदना मुकेश को भारतीय उच्चायोग लंदन द्वारा 2024 के लिए डॉ. हरिवंशराय बच्चन लेखन सम्मान

इंदौर की प्रवासी लेखिका डॉ. वंदना मुकेश को भारतीय उच्चायोग लंदन..

18 Jan, 2025

  सुप्रतिष्ठ प्रवासी रचनाकार डॉ. वंदना मुकेश को भारत के उच्चायोग, लंदन द्वारा विश्व हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में वर्ष…

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चुनावी लोकतंत्र और श्रीलाल शुक्ल का साहित्य: अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी संपन्न

चुनावी लोकतंत्र और श्रीलाल शुक्ल का साहित्य: अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी..

5 Jan, 2025

  जनता सजग, लोकतंत्र सफल—श्रीराम तिवारी आईपीएस   हैदराबाद, 1 जनवरी, 2025 श्रीलाल शुक्ल स्मारक राष्ट्रीय संगोष्ठी समिति तथा हिंदी…

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साहित्य जगत - भारत

साठोत्तर काव्य आंदोलन में संघर्ष मूलक काव्य की प्रवृत्तियाँ—संगोष्ठी संपन्न: युवा उत्कर्ष मंच 

साठोत्तर काव्य आंदोलन में संघर्ष मूलक काव्य की प्रवृत्तियाँ—संगोष्ठी..

5 Feb, 2025

युवा उत्कर्ष साहित्यिक मंच (पंजीकृत न्यास) आंध्र प्रदेश एवं तेलंगाना राज्य शाखा की वर्चुअल अट्ठारहवीं संगोष्ठी 26 जनवरी-2025 (रविवार) 4…

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ग्रहण काल एवं अन्य कविताएँ का विमोचन संपन्न 

ग्रहण काल एवं अन्य कविताएँ का विमोचन संपन्न 

19 Jan, 2025

  उद्वेलन एवं संवेदनाओं की कविताएँ: प्रो. बी.एल. आच्छा सरल शब्दों में गहन विषयों को व्यक्त करना आसान नहीं: गोविंदराजन…

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काव्यांजलि: महिला क्रिश्चियन कॉलेज में भारतीय भाषा दिवस का उत्सव

काव्यांजलि: महिला क्रिश्चियन कॉलेज में भारतीय भाषा दिवस..

13 Dec, 2024

  महिला क्रिश्चियन कॉलेज ने हाल ही में भारतीय भाषा दिवस मनाया, जो प्रसिद्ध तमिल कवि और स्वतंत्रता सेनानी सुब्रमणिय…

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साहित्य जगत - भारत

‘क से कविता’ में अतिथि कवि डॉ. विनय कुमार से संवाद संपन्न

‘क से कविता’ में अतिथि कवि डॉ. विनय कुमार से संवाद संपन्न

25 Jan, 2025

  हैदराबाद, 24 जनवरी, 2025।  मौलाना आज़ाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी, हैदराबाद के दूरस्थ शिक्षा केंद्र की लाइब्रेरी में ‘क से…

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डॉ. अमित धर्मसिंह के काव्य संग्रह कूड़ी के गुलाब का हुआ लोकार्पण 

डॉ. अमित धर्मसिंह के काव्य संग्रह कूड़ी के गुलाब का हुआ लोकार्पण 

4 Jan, 2025

  नव दलित लेखक संघ, दिल्ली के तत्वावधान में लोकार्पण एवं काव्यपाठ गोष्ठी का आयोजन हुआ। गोष्ठी दो चरणों में…

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शिवना नवलेखन पुरस्कार 2024 की घोषणा

शिवना नवलेखन पुरस्कार 2024 की घोषणा

8 Dec, 2024

  ‘शिवना नवलेखन पुरस्कार’ 2024 की घोषणाः रश्मि कुलश्रेष्ठ और शुभ्रा ओझा की साहित्य में दस्तक डॉ. परिधि शर्मा का…

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